
नाम जप करते समय दस अपराधों से रिक्त जप का लाभ
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
🌷राम नाम सब कोई कहे, ठग ठाकुर अरु चौर।
🌷तारै ध्रुव प्रह्लाद को,यहै नाम कछु और
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
🌷नाम स्मरण में विशेष नियम तो नहीं है 🌷पर जो दस नामापराध है वे नहीं होने 🌷🌷चाहिए, तभी तो नाम स्मरण पूर्ण फलप्रद 🌷होता है।🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
🌷राम नाम सब कोई कहे, दश रित कहे ना 🌷कोय।
🌷एक बार दश रित कहे, कोटि यज्ञ फल 🌷होय।।
🌷इस दोहे में जिन्हें दश रित कहा है वे ही 🌷
दस🌷 नामापराध है, जिनसे नाम स्मरण 🌷रित (रिक्त) होना चाहिए।
🌷ये नामापराध है-
🌷१ निन्दा
🌷२. आसुरी प्रकृति वाले को नाम महिमा 🌷बतलाना
🌷३. हरि हर में भेद द्रष्टि रखना
🌷४.वेदो पर विश्वास न करना
🌷५. शास्त्रो पर अविश्वास
🌷६.गुरु पर अविश्वास
🌷७.नाम महिमा को असत जानना
🌷८. नाम के भरोसे निषिद्ध कर्म करना
🌷९. नाम के भरोसे विहित कर्म न करना
🌷१०.भगवननाम के साथ अन्य साधनों की तुलना करना।
🌷इन दस का परहेज रखा जाए तो नाम जप से शीघ्र परम सिद्धि प्राप्त होती है इसमें कोई संदेह नहीं है।
🌷🌷🌷🌷🌷🌷राम राम।🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
www.sanatangurukul.org













