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व्यावहारिक शिक्षा


🌹🌹पक्षी की कहानी 🌹🌹

 

 एक सुन्दर पक्षी था, बर्फ़बारी का आनंद लेते हुए गुनगुना रहा था और अचानक अपने मन के विचार से दूसरी  पार जाने के लिए उद्दत हुआ जैसे ही वह उड़ा कुछ दूर उड़ने पर उसने पाया कि उसके पंख जो थे वह बर्फ के भार से उड़ नहीं पा रहे थे कुछ दूर जाकर वह अचानक से गिर पड़ा I 

 

 जैसे ही वह गिरा दूसरी तरफ से एक गाय ने उसे असहाय जानते हुए उसके ऊपर गोबर कर दिया, गाय के गोबर करते हुए उसे अच्छा नहीं लगा और गाय के गोबर करने पर वह उसके ऊपर बरहबराय किन्तु थोड़ी देर बाद उसे गाय के गोबर में गरमाइश और आराम मिलने लगा और वह अपना मुख बाहर निकल कर अपनी सुरीली वाणी में गाने और गुनगुनाने लगा I 

 

उसके सुन्दर मधुर गान सुनते हुए एक बिल्ली उसके पास आई उसने पक्षी को बड़े प्यार से गोबर से बाहर निकाला, उसे चाट चाट कर साफ़ भी किया तो पक्षी को बहुत अच्छा लगा किन्तु साफ़ करने के एकदम पश्चात वह बिल्ली उस पक्षी को खा गई I 

 

देवियो और सजन्नो इस प्रसंग से हमें कई शिक्षा मिलती है 

 

१. व्यक्ति को  देशकाल के अनुकूल अपने विचारो पर नियंत्रण रखना चाहिए  और दूसरी पार जाने के लिए अर्थात उच्चाईया प्राप्त करने के लिए अपनी क्षमता से ऊपर का दुस्साहस नहीं करना चाहिए I

 

२. जो कोई आपको बचाने के लिए आपके ऊपर कवच बनता है वो हो सकता है कि आपको सुनने और बोलने में बुरा लगे किन्तु उसका उद्देश्य यदि आपको बचाना है तो उसके प्रति अपशब्द नहीं बोलने चाहिए, आपके ऊपर गोबर करने वाला जरुरी नहीं कि आपका दुश्मन ही होI 

 

३. जब आप किसी विपरीत स्थिति या कठिनाई में फॅसे हो तो थोड़ी सी राहत मिलते ही गाना गुनगुनाना और चहकना नहीं चाहिए I 

 

४. आपको विपरीत स्थिति से निकालते हुए दिखावा करता हुआ जरुरी नहीं कि आपका मित्र ही हो वो आपको निकालने का दिखावा करते हुए साफ़ करते हुए चट भी कर सकता है I 

 

इस प्रसंग से हमें  और भी बहुत शिक्षाएँ मिलती है कि हमें अपनी धर्ममय बुद्धि और विवेक से स्थिति और परिस्थिति का आंकलन करना चाहिए I 

 

इस प्रसंग से आपको भी अगर कुछ और समझ आया है तो आप अपने विचार व्यक्त करे I 

 

🌹🌹राम राम 🌹🌹

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