हिंदू शब्द सनातन पुराणो में वर्णित हे
वेदों और पुराणो में तो निम्नलिखित कोई भी पंथ या सम्प्रदाय नहीं हे ,
सिख , ईसाई , मुसलमान इत्यादि फिर भगवान के सुस्पष्ट वचन के बाद अन्य तथाकथित सम्प्रदाय को कैसे बना लिया और अपना लिया ?
प्रशन करता को भगवतगीता का अध्याय ३ श्लोक -३५ अवश्य पढ़वा दीजिएगा
गीता अध्याय 3 श्लोक 35 में सुस्पष्ट कहा है कि अच्छी प्रकार आचरण में लाये हुए दूसरे के धर्म से गुणरहित भी अपना धर्म अति उत्तम है। अपने धर्म में मरना भी कल्याण कारक है, दूसरे का धर्म भय को देने वाला है।
💐राम राम💐
विस्तार के लिए नीचे दिए गए लिंक से पूरा पढ़े 👇
https://sanatangurukul.org/pdf.php?id=785
👆🌹जिन्हें हिंदू शब्द में संदेह हे , प्रमाण से अपने संदेह का निवारण करें।🌹
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